सच एक है - एक रहेगा, शेष सब बकवास है !
सच 'एक' अवतरित हुआ है, बकवासों का अब नाश है !!
(1) सच्चा हिन्दू वह है जो ''दूषित भावनाओं से हीन हो, अर्थात् जो 'दोष रहित' सत्य प्रधान उन्मुक्त अमर जीवन विधान वाला हो।''
(2) सच्चा जैनी वह है जिसे 'अरिहंत' की प्राप्ति और 'निर्वाण' का यथार्थत: ज्ञान प्राप्त हो। जो 'सत्य तत्त्व' को जान लिया हो वही जैनी है ।
(3) सच्चा बौध्द वह है जिसे 'बोधिसत्व का सच्चा-सम्यक् बोध' हो।
(4) सच्चा यहूदी वह है जो 'यहोवा (परमेश्वर)' के प्रति विश्वास और भरोसा रखते हुये 'यहोवा' मात्र के ही आज्ञाओं में रहता-चलता हो, अन्य किसी के नहीं।
(5) सच्चा ईसाई वह है जो ईशु (जीवन-ज्योति) और ईशु के पिता 'शब्द' (गॉड) (बचन) रूप 'परमेश्वर' के प्रति विश्वास और भरोसा सहित समर्पित और शरणागत हो ।
(6) सच्चा मुसलमान वह है जो मुसल्लम ईमान से 'अल्लाहतऽला' अथवा दीन की राह (धर्म -पथ) के प्रति जान-व-माल सहित कुर्बान हेतु सदा ही समर्पित-शरणागत रहे।
(7) सच्चा सिक्ख वह है जो 'सद्गुरू' से माया और परमेश्वर तथा उनकी कृकृपा आदि सब कुछ ही पाना-परखना 'सीख (जानकर)' 1 ॐ कार-सत्सीरी अकाल के प्रति समर्पित-शरणागत रहे।
अत: सन्त ज्ञानेश्वर स्वामी सदानन्द जी परमहंस का कहना है कि वास्तव में जो सच्चा हिन्दू है, वह ही सच्चा जैनी भी है; जो सच्चा जैनी है, वह ही सच्चा बौध्द भी है; जो सच्चा बौध्द है, वह ही सच्चा यहूदी भी है; जो सच्चा यहूदी है, वह ही सच्चा ईसाई भी है; जो सच्चा ईसाई है, वह ही सच्चा मुसलमान भी है; जो सच्चा मुसलमान है, वह ही सच्चा सिक्ख भी है; जो सच्चा सिक्ख है, वह ही सच्चा हिन्दु भी है; क्योंकि भगवान-अरिहंत-बोधिसत्व-यहोवा-गॉड (परमेश्वर)- अल्लाहतऽला और 1 ॐ कार-सत्सीरी अकाल भिन्न-भिन्न और पृथक्-पृथक् नहीं, बल्कि सब के सब ही एकमेव 'एक' का ही नाम अनेक है। फिर भेद कहाँ और कैसा?
भेद-भाव घोर अज्ञानता मूलक भरम है जिससे भटकाव होता है और यह भटकाव ही सभी दंगा-फसाद, लूट-मार-काट का मूल है । सच्चा होने-रहने हेतु भेद भाव से ऊपर उठें। हम सभी 'एक' ही परमप्रभु के बन्दे या कृपा पात्र हैं । आपस में सभी ही एक ही परिवार के हैं। आपस में अपनत्व लायें। भटकाव से बचें, क्योंकि सच एक है एक रहेगा, शेष सब बकवास है। सच 'एक' अवतरित हुआ है। बकवासों का अब नाश है । सब भगवत् कृपा। ------------- सन्त ज्ञानेश्वर स्वामी सदानन्द जी परमहंस